Friday, July 10, 2015

उस पार का मुसाफिर इस पार तक आया।

उस पार का मुसाफिर इस पार तक आया।

माझी को ढूढ़ता हुआ मझधार तक आया।

बेशक होगा डूबते को तिनके का सहारा

यहाँ मैं कश्ती भी पाकर मार तक आया।

......Missing my father........
....अनिल कुमार 'अलीन'.....

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