Saturday, August 1, 2015

अदब बादलों की

 

 

 

 

 

यह अदब है बादलों की, तुझे भिगोने की 'अलीन'

बरसती बूंदों से खुद को छुपाने की गुस्ताखी न कर।

............अनिल कुमार 'अलीन'.............


शराब ऐसी हो कि चढ़कर न उतरे ता-उम्र।
उतर जाए समय के साथ फिर वो शराब नहीं।

............अनिल कुमार 'अलीन'.............

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