मिज़ाज-ए-इश्क
शायरी का नया अंदाज़
Pages
Home
मिजाज़-ए-इश्क:
आपकी राय
Tuesday, April 15, 2014
कभी आँखों के सहारे
कभी आँखों के सहारे
मत हँसना ऐ दर्द-ए-दिल,
इन्हें भी मालूम है तेरे हालात,
आँसू बनकर छलक जाएंगे.
---अनिल कुमार 'अलीन'---
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment